छत्तीसगढ़, रायपुर : ईंधन की कीमतें आज अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय तेल दरों पर निर्भर करती हैं। इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों को अपनी बढ़ती लागत के मुद्दे को एक साथ मिलकर संभालना होगा।
उन्होंने रायपुर में छत्तीसगढ़ भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें वैश्विक बाजार में उनकी मौजूदा दरों पर निर्भर करती हैं। इसलिए, केंद्र और राज्यों दोनों को ईंधन के मुद्दे को एक साथ संभालना होगा क्योंकि वे तेल उत्पादों पर कर लगाते हैं। सीतारमण ने कहा कि भारत को अपनी जरूरत का लगभग 99 फीसदी पेट्रोल और डीजल का आयात करना पड़ता है।
सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर शुल्क और कर केवल केंद्र सरकार ही नहीं लगाती। अगर हम 100 लीटर (पेट्रोल या डीजल) इस्तेमाल करते हैं, तो हमें इसमें से 99 लीटर विदेश से आयात करना पड़ता है। विदेशों में तेल की कीमतों के हिसाब से यहां कीमतें तय होती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जब वैश्विक तेल बाजार में दर बदलती है, तो यह हमें भी प्रभावित करती हैं। केंद्र टैक्स के रूप में एक निश्चित राशि लगाता है, न कि मूल्य वर्धित कर (वैट)।
राज्य सरकारें वैट लगाती हैं। सीतारमण ने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतों ने निश्चित रूप से आम नागरिकों पर वित्तीय बोझ बढ़ा दिया है।