नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दो प्रमुख योजनाओं खुदरा प्रत्यक्ष योजना और एकीकृत लोकपाल को लांच किया। इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आरबीआई वित्तीय मामलों में हमेशा संवाद बनाए रखता है। इन दोनों योजनाओं से देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा। इनके जरिए छोटे से लेकर बड़े निवेशकों को लाभ होगा, साथ ही पारदर्शिता भी आएगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत अर्थव्यवस्था में सबकी भागीदारी की भावना का सम्मान करना और उसे बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है। आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उनसे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और निवेशकों के लिए कैपिटल मार्केट तक पहुंच अधिक आसान, अधिक सुविधाजनक होगी। अभी तक गर्वमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचुअल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे। अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई की योजना से देश के बड़े वर्ग को देश की संपदा के निर्माण में सीधा निवेश करने में आसानी होगी। भारत में छोटे निवेशकों को सुरक्षित निवेश पर अच्छे रिटर्न का भरोसा मिलेगा। उन्होंने कहा कि टीम आरबीआई देश की भावनाओं पर खरा उतरेगी और छोटे निवेश से बड़ी कामयाबी मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि ये दशक विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा है। बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों को भी आरबीआई के दायरे में लाया गया है। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है। इसके साथ ही जो लाखों जमाकर्ता हैं, उनके भीतर भी सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।