नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम अपने निवास पर सिख प्रतिनिधि मंडल से मिले। इसके बाद उन्होंने इस प्रतिनिधिमंडल को संबोधित भी किया। प्रधानंत्री ने कहा कि गुरुद्वारों में जाना, सेवा में समय देना, लंगर पाना, सिख परिवारों के घरों पर रहना, ये मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा स्वाभाविक हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं ने हमें साहस और सेवा की सीख दी है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिना किसी संसाधन के हमारे भारत के लोग गए और अपने श्रम से सफलता के मुकाम हासिल किए।
यही स्पिरिट आज नए भारत की स्पिरिट बन गई है। हमारे भारतीय डायस्पोरा को तो मैं हमेशा से भारत का राष्ट्रदूत मानता रहा हूं। प्रधानमंत्री ने सिख प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आप सभी भारत से बाहर, मां भारती की बुलंद आवाज हैं, बुलंद पहचान हैं। भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है, आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है। मोदी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में और आजादी के बाद भी सिख समाज का देश के लिए जो योगदान है, उसके लिए पूरा भारत कृतज्ञता अनुभव करता है।
महाराजा रणजीत सिंह का योगदान हो, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हो या जलियांवाला बाग हो, इनके बिना न भारत का इतिहास पूरा होता है और न हिंदुस्तान पूरा होता है।