प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी को दुष्कर्म मामले में आरोपी को गलत तरीके से फंसाने की जांच करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की अदालत ने दिया। कोर्ट ने जिला न्यायाधीश जालौन को अदालत के कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच का आदेश भी दिया। कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच करते समय पुलिस अधीक्षक वकालतनामे पर विपक्षी के हस्ताक्षर की जांच कर रिपोर्ट अगली तारीख 12 दिसंबर को पेश करें। तब तक मुकदमे की कार्यवाही पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।अपीलार्थी उमा शंकर यादव पर दुष्कर्म व पाॅक्सो में मामला दर्ज किया गया था। याची ने इसे चुनौती देते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की। याची के वकील ने दलील दी कि पीड़िता वादी और गवाहों का पता नहीं चल पाया है और पते भी गलत मिले हैं। कोर्ट ने कहा यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
असम में है 14 अंतर्राष्ट्रीय सीमा चौकियाँ
असम, गुवाहाटी : असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के मंत्री अतुल बोरा ने असम विधानसभा में बताया कि...
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