नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने अनुभवों पर चर्चा करते हुए कहा अनेक देशवासियों से मिलने के बाद मेरा विश्वास दृढ़ हुआ कि हमारे लोग ही असली राष्ट्र निर्माता हैं। ऐसे महान देशवासियों के हाथ में हमारा भविष्य सुरक्षित है। निवर्तमान राष्ट्रपति ने पद छोड़ने की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा जब अपने छोटे से गांव में एक बालक के तौर पर मैं अपने भविष्य को समझने की कोशिश कर रहा था, तब आजादी मिले कुछ ही समय हुआ था। मुझे उम्मीद थी कि मैं भी राष्ट्र निर्माण में कुछ योगदान करुंगा। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें नागरिकों के लिए दरवाजे खुले हैं कि वह कुछ भी कर सकते हैं। हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था। हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान समाज के सभी वर्गों से पूर्ण सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा कानपुर देहात के एक गांव का आदमी आज आपको संबोधित कर रहा है तो यह भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि वे मेरे गांव आए और उन्होंने गांव का मान बढ़ाया। उन्होंने अपने कार्यकाल के पांच वर्षों को लेकर कहा कि इस दौरान मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. एस. राधाकृष्णन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं।
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