श्रीलंका, कोलंबो : आखिरकार श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल रद्द कर दिया गया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा करने वाली असाधारण राजपत्र अधिसूचना को वापस ले लिया गया है। गौरतलब है कि 1 अप्रैल को आपातकाल की घोषणा की गई थी। वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौरान राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला भी जारी है। बढ़ती मुद्रास्फीति (लगभग 19 प्रतिशत) और बिगड़ती जीवन स्थितियों के बीच 1948 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका
अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। भोजन की कमी के साथ-साथ 13 घंटे की रोजाना बिजली कटौती के साथ नागरिक भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। संकट इतना गंभीर है कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर अजित निवार्ड कैबराल ने भी पद छोड़ने की पेशकश की। श्रीलंका में आर्थिक संकट और तेज हो गया, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने अपने प्रमुख क्षेत्र, यानी पर्यटन को धीमा कर दिया, जिसने बदले में इसके विदेशी मुद्रा संकट को बढ़ा दिया।