राजस्थान, जयपुर : राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है। इसमें जीत दर्ज करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोई भी समझौता नहीं करना चाहते हैं। इसी क्रम में गहलोत मुफ्त बिजली और महंगाई से राहत दिलाने को लेकर कई फैसले ले चुके हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जनता लाभन्वित करने के लिए इसमें कार्मिकों के हित में पदोन्नति, पेंशन, स्पेशल-पे, पदनाम के संबंध में अहम फैसले लिए गए। साथ ही, विभिन्न समाजों को छात्रावासों के लिए भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में पेंशन को लेकर भी एक बड़ा और कर्मचारियों के लिए राहत भरा फैसला लिया गया। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें कहा गया है कि इससे कार्मिक को 28 वर्ष की अर्हकारी सेवा के स्थान पर 25 वर्ष की सेवा पूरी कर सेवानिवृत्त होने पर पूरी पेंशन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा 75 वर्ष के पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर को 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन भत्ता प्राप्त हो सकेगा। कार्मिक/पेंशनर की मृत्यु की दशा में उसके विवाहित निःशक्त पुत्र/पुत्री तथा 12,500 रुपये प्रतिमाह तक की आय वाले पात्र सदस्यों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा। इस संशोधन की अधिसूचना दिनांक 1 अप्रैल से प्रभावी होगी।
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