नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। पेरारिवलन 31 साल से जेल में है और तमिलनाडु सरकार की याचिका पर रिहा हुआ है। इसी साल 9 मार्च को शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन को 30 साल से अधिक समय तक जेल में रखने और पैरोल पर बाहर होने पर शिकायतों का कोई इतिहास नहीं होने पर ध्यान देते हुए जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तब आया है, जब पेरारिवलन की दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच लंबित है।
इससे पहले 2008 में तमिलनाडु कैबिनेट ने पेरारिवलन को रिहा करने का फैसला किया था, लेकिन राज्यपाल ने मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था, तभी से रिहाई लंबित थी। न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा राज्य मंत्रिमंडल ने प्रासंगिक विचार-विमर्श के आधार पर अपना फैसला किया था।
अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए, दोषी को रिहा किया जाना उचित होगा। संविधान का अनुच्छेद 142 उच्चतम न्यायालय को विशेषाधिकार देता है, जिसके तहत संबंधित मामले में कोई अन्य कानून लागू न होने तक उसका फैसला सर्वोपरि माना जाता है। पेरारिवलन 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश का हिस्सा होने के लिए एक विशेष टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सात लोगों में से एक है। उनकी भूमिका बम के लिए बैटरी की आपूर्ति तक सीमित थी।