नई दिल्ली : मानसून सत्र के पहले हफ्ते में राज्यसभा में मात्र 26.9 फीसदी ही कामकाज हो सका। विभिन्न मुद्दों पर हंगामों और इसके चलते सदन के स्थगन से 13 घंटे 28 मिनट का कीमती समय नष्ट हुआ। शुरुआती तीन दिन सदन की कार्यवाही मात्र एक घंटे 16 मिनट यानी 76 मिनट ही चल सकी। हालांकि हफ्ते के अंतिम दो दिनों 21 जुलाई एवं 22 जुलाई को कामकाज में सुधार हुआ और इस दौरान सदन की कार्यवाही 5 घंटे 31 मिनट तक चली। मानसून सत्र के पहले हफ्ते में सदन को 18 घंटे 44 मिनट कामकाज के लिए तय किए गए थे, लेकिन सदन का कीमती वक्त व्यवधान और जबरन स्थगन के चलते खराब हुआ। इस दौरान केवल 22 जुलाई को ढाई घंटे की चर्चा हुई, जो कि पूरे सप्ताह में सदन के कामकाज के कुल कार्यात्मक समय का 37 फीसदी हिस्सा रहा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार पर निजी सदस्य के विधेयक पर सदस्यों ने चर्चा की। सप्ताह में सूचीबद्ध 75 में से 22 तारांकित प्रश्नों के सदन में मौखिक जवाब दिए गए। सांसदों ने प्राइवेट मेंबर दिवस के दिन 9 निजी विधेयक पेश किए।
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