नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी अभ्यारण को देश का 52 बाघ अभ्यारण घोषित किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की है। इस संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी किया गया है। यह देश में चौथा बाघ अभ्यारण होगा। अधिसूचना जारी होने से यहां रहने वाले बाघों को उचित वातावरण के साथ विस्तार के लिए जगह मिलेगी। मौजूदा समय में राजस्थान में रणथंबौर, सरिस्का, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व हैं। विषधारी चौथा टाइगर रिजर्व है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की खासियत इसका पारिस्थितिकी तंत्र और बाघों के अनुकूल वातावरण है। साथ ही यह संरक्षित क्षेत्र भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भालू, सुनहरे सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवरों का आदर्श निवास स्थल भी है। अब इसे संरक्षित पार्क घोषित कर देने से इनकी आबादी में भी बढ़ोतरी में खासी मदद मिलेगी। इसके टाइगर रिजर्व घोषित हो जाने से जैव विविधता के संरक्षण के साथ क्षेत्र में रहने वाले जंगल के जीवों की आबादी को संरक्षण मिलेगा, इससे स्थानीय स्तर पर यह क्षेत्र पारिस्थितिकी, पर्यटन और विकास की नई इबारत लिखने में सक्षम होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इस संबंध में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश वन्य जीवन के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता का नतीजा है कि देश में दुर्लभ वन्यजीवों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
वन क्षेत्र के साथ ही पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने पिछले साल जुलाई में ही रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभ्यारण और आसपास के क्षेत्रों को वन अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। यह अभ्यारण बाघ संरक्षण के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ साथ पुष्प प्रजातियों के लिए भी खासा प्रसिद्ध है। यही वजह है कि यहां पर अनुसंधान और शिक्षा के लिए भी अनेक नए मार्ग खुलेंगे। इसके अलावा भीमताल, रामगढ़ महल जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देंगे और स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका अर्जित करने में भी खासी मदद मिलेगी।