त्रिपुरा, अगरतला : त्रिपुरा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री रतन चक्रवर्ती के निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है। गौरतलब है कि रेवती मोहन दास ने इसी महीने की शुरुआत में व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया था। विधानसभा के सचिव विष्णु पांडा कर्मकार ने बताया कि चक्रवर्ती ने अपना नामांकन पत्र गुरुवार तक जमा कर दिया है।
माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने बताया कि उनकी पार्टी, जिसके 60 सदस्यीय सदन में 16 सदस्य हैं, चुनाव नहीं लड़ेगी। रतन चक्रवर्ती ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी भूमिका देगी वह वह निभाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगभग तीन दशकों के बाद एक संवैधानिक पद के लिए चुना गया है और मैं इसके लिए मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव का आभारी हूं। तीन बार के विधायक का इस पद के लिए चयन उल्लेखनीय है क्योंकि उपाध्यक्ष विश्व बंधु सेन इसके प्रबल दावेदार बताया जाते थे। उन्होंने 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था।
वह 2018 के चुनावों में खयेरपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। रतन चक्रवर्ती कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार (1988-1993) में पूर्व मंत्री भी रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले चक्रवर्ती का उत्थान प्रशासन और पार्टी संगठन दोनों को मजबूत करने के लिए भाजपा में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि विप्लव कुमार देव सरकार में हाल ही में तीन नए चेहरे राम प्रसाद पॉल, सुशांत चौधरी और भगवान चंद्र दास कैबिनेट में शामिल यह गए थे। यह भाजपा-द इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन सरकार का पहला विस्तार था। भाजपा के पूर्व मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों और नेताओं के एक वर्ग के नाराजगी के बाद यह कदम उठाया गया था।