नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा वे स्वतंत्रता आंदोलन को तेज धार देने के साथ-साथ आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए सदैव संघर्षरत रहे। देश के लिए उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।
केंद्रीय बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर सादर नमन किया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि उनकी वीरता और राष्ट्रभक्ति हम सभी को प्रेरणा देती है। गौरतलब है कि बिरसा मुंडा का जन्म वर्ष 1875 में झारखंड के उलिहतू, खूंटी में हुआ था।
बिरसा मुंडा ने भारत की आज़ादी और जनजातीय धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी। 9 जनवरी 1899 को उनके नेतृत्व में सयिलरकब, खूंटी के पहाड़ों पर अंग्रेज़ों के साथ लड़ाई हुई थी। उसके बाद बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करने के लिए उस वक्त 500 रूपए का ईनाम रखा गया। पैसे के लोभ में वहीं के सात लोगों ने जंगल में सोते हुए बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर अंग्रेजों के हवाले कर दिया।
9 जून 1900 को इनकी मृत्यु राँची केंद्रीय कारागृह में अंग्रेज़ों द्वारा ज़हर देने से हो गई। बिरसा मुंडा 25 वर्ष की आयु भी पूरी नहीं कर पाए। बिरसा मुंडा के त्याग और जल-जंगल-जमीन की रक्षा के संकल्प के परिणामस्वरूप उन्हें बिरसा भगवान माना गया।