असम गुवाहाटी : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि किसी भी स्थानीय भाषा का संरक्षण सरकार और समाज का दायित्व है। कोविंद ने तामूलपुर में बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नयी शिक्षा नीति पर प्रमुखता से जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से क्षेत्र की शांति और समृद्धि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि बोडो साहित्य सभा ने भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में बोडो भाषा को शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने युवाओं से स्थानीय भाषा को बढ़ावा देते तथा इसे और अधिक जीवंत बनाने के लिए साहित्यिक गतिविधियों में सहभागिता की अपील की। उन्होंने कहा कि असम में 35 लाख से अधिक लोग बोडो भाषा बोलते हैं और इसे सहयोगी भाषा के रूप में मान्य किया गया है। उन्होंने कहा बोडो समाज से मेरा पुराना नाता है।
राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मैंने हमेशा बोडोलैंड के मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने अन्य भाषाओं की किताबों का बोडो भाषा में अनुवाद किये जाने पर हर्ष व्यक्त किया।गौरतलब है कि वे पूर्वोत्तर राज्यों के तीन दिवसीय दौरे पर कल गुवाहाटी पहुंच थे। राष्ट्रपति का लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने उनका स्वागत किया था। राष्ट्रपति गुरुवार को मिजोरम विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने आइजोल पहुंचेंगे।