रूस, मास्को : रूस ने जापान सागर में मिसाइल परीक्षण करते हुए फिनलैंड और स्वीडन को परमाणु हथियारों की चेतावनी दी है। बताया जाता है कि स्वीडन और फिनलैंड की उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होना चाहता है और रूस इसकी खिलाफत कर रहा है। रूस का कहना है कि अपने लिए खतरा बढ़ने की स्थिति में वह परमाणु हथियारों और हाइपरसोनिक मिसाइलों को तैनात करेगा।
वहीं दूसरी ओर पड़ोस के छोटे और नाटो के सदस्य देश लिथुआनिया ने कहा है कि रूस की इस धमकी में नया कुछ नहीं है, स्वीडन और फिनलैंड आगे बढ़ें। इस बीच अमेरिकी खुफिया संगठन सीआइए के प्रमुख विलियम बर्न्स ने कहा है कि रूस की परमाणु हथियार के इस्तेमाल की धमकी को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। फिनलैंड की करीब 1,300 किलोमीटर लंबी सीमा रूस से लगती है, जबकि स्वीडन थोड़ा दूर है। फिनलैंड से रूस के पूर्व में भी शत्रुतापूर्ण संबंध रहे हैं।
रूसी सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि अगर फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होते हैं तो रूस बाल्टिक सागर क्षेत्र में जमीनी, समुद्री और हवाई ताकत बढ़ाएगा। मेदवेदेव ने क्षेत्र में सैन्य टकराव होने की स्थिति में परमाणु हमले की आशंका से इन्कार नहीं किया है। गौरतलब है कि रूस के पास दुनिया में सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का भंडार है।