नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केबिनेट में आखिरकार सर्वानंद सोनोवाल का नाम जुड़ गया। एक लंबे समय से उन्हें नई जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। आज उनके शपथ लेते ही इन अटकलों पर विराम लग गया।
हालांकि यह तो उसी वक्त है हो गया था जब असम की कमान डॉ हिमंत विश्व शर्मा को सौंपी गई थी। उस वक्त से ही उनकी भूमिका को लेकर जो सवाल उठ रहे थे आज शपथ लेने के साथ पर ही बंद हो गया। यह दूसरा मौका है जब वे केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं। इससे पहले वो मोदी के पहले कार्यकाल में खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर काम कर चुके हैं।
उनका ये कार्यकाल 26 मई 2014 से 23 मई 2016 तक रहा था।असम के डिब्रुगढ़ में 1962 में जन्मे सर्बानंद इससे पहले वहां के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2014 में वो असम की लखीमपुर सीट से भाजपा के टिकट पर जीते थे। इसके बाद जब वर्ष 2016 में असम में विधान सभा चुनाव हुआ था तो उन्हें वहां के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद वर्ष 2004 में वो इसी पार्टी से लोकसभा का चुनाव भी जीते थे। उन्हें असम के जातीय नायक के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। वर्ष 2011 में उन्होंने भाजपा का हाथ थामा था।

इसके बाद उन्हें पार्टी की कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। सर्बानंद असम में पार्टी के प्रवक्ता का पद भी संभाल चुके हैं। वर्ष 2012 और 2014 में सर्बानंद असम में भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।राज्य में वर्ष 2016 के चुनाव की जिम्मेदारी भाजपा ने सर्बानंद के ही कंघो पर ही डाली थी। उन्होंने इस जिम्मेदारी का निर्वाहन पूरी जिम्मेदारी के साथ किया था।
भाजपा को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था और इसके बाद राज्य की कमान सर्बानंद को सौंपी गई थी।