असम, गुवाहाटी : असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को प्रस्तावित नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाए जाने की चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पर उन्हें पेट्रोलियम मंत्री बनाए जाने की बधाई दी जा रही है। उनके करीबी ऐसे किसी भी संभावना से इनकार करते हुए इसे फेक न्यूज़ करार दे रहे हैं।
उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर जो कुछ भी चल रहा है उसका कोई आधार नहीं है। अब तक इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में इस तरह की खबरों को उनकी छवि को खराब करने के साजिश के तहत चलाया जा रहा है। जनता ऐसी खबरों पर विश्वास न करें। पिछले 1 महीने के अधिक समय से उनके भविष्य को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं।
सभी कह रहे हैं कि सही समय पर उन्हें उचित जिम्मेदारी दी जाएगी। जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी है, तब से ही उन्हें नए जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी है। पहले यह खबर थी कि उन्हें संगठन में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। बीच में यह भी खबर आएगी उन्हें पार्टी के प्रदेश इकाई का कमान सौंपा जा सकता है।
फिलहाल वर्तमान हालात में कुछ भी दावे के साथ कहना मुश्किल है। गौरतलब है कि इससे पहले सोनोवाल 2014 से 2016 तक केंद्र सरकार में खेल और युवा मामलों के स्वतंत्र प्रभार मंत्री रह चुके हैं।उल्लेखनीय है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का विस्तार अब जल्दी हो जाएगा। बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जल्द से जल्द विस्तार को अंतिम रूप देने के पक्ष में है।
पार्टी चाहती है कि 19 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप देकर मामले को रफा-दफा किया जाए। अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में इसे लटकाए रखने से कई तरह की राजनीतिक परेशानी है भी खड़ी हो सकती है। वर्तमान के राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी ऐसा कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती।