नई दिल्ली: तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के 86 वे जन्मदिन के मौके पर विश्वक से उन्हें शुभकामनाओं के साथ दीर्घायु होने की कामना भी की जा रही है। खासकर सोशल मीडिया पर हर कोई अपने अपने अंदाज में इस शांति के पुजारी को कोटि कोटि प्रणाम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई 1935 को पूर्वी तिब्बत में हुआ था। तिब्बतियों के अत्याचार को देखते हुए करीब 15 दिनों का कठिन सफर पूरा कर वह 31 मार्च 1959 को भारत आ गए थे, तभी से दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित खूबसूरत शहर धर्मशाला के पास मैक्लोडगंज में रहकर तिब्बत की संप्रभुता के लिए अहिंसात्मक संघर्ष कर रहे हैं।
चीन की तिब्बत पर कब्जे के बाद भारत में दलाई लामा को आए हुए 62 साल से ज्यादा हो गए हैं। यानी तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए आधी सदी से ज्यादा खर्च हो गई।
संघर्ष का जो रास्ता उन्होंने 23-24 वर्ष की आयु में चुना, उससे वह आजीवन टस से मस नहीं हुए। महज 23 वर्ष 9 माह की उम्र में जब उन्होंने भारत में प्रवेश किया और आज भी यहां रहकर केवल और केवल अपने देश की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।