असम, गुवाहाटी : असम के तीन लेखकों को आज साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे जाने की घोषणा की गयी है। असमिया लेखिका और पत्रकार अनुराधा शर्मा पुजारी को उनके उपन्यास इयात एकोन अरन्य आसिल के लिए प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार के लिए चयन किया गया है, जबकि बोड़ो भाषा कवि मवादई गाहाईं को उनके कविता संग्रह खोरो सयाओ आरव हिमालय के लिए सम्मानित किया जाएगा।
वहीं नेपाली में छविलाल उपाध्याय को उनकी कविता पुस्तक ऊषा-अनिरुद्ध के लिए पुरस्कार मिला है। प्रसिद्ध उपन्यासकार और कहानीकार 57 वर्षीय पुजारी वर्तमान असमिया साप्ताहिक सादिन की संपादक हैं। वर्ष 1964 में ऊपरी असम के जोरहाट में जन्मी पुजारी ने डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में परास्नातक किया।
एक लेखिका के रूप में उन्होंने असम वाणी में अपने कॉलम कोलकातार चिट्ठी से लोकप्रियता हासिल की और उन्होंने 1998 में प्रकाशित उपन्यास हृदय एक विज्ञापन से प्रसिद्धि हासिल की। इससे पहले उन्हें उनके उपन्यास मेरेंग के लिए विष्णु राभा पुरस्कार मिल चुका है।
उन्हें 2003 में असम साहित्य सभा से कुमार किशोर स्मृति साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों में नहोरोर निरिबिली चा, नील प्रजापति, सोन हरिनोर चेकूर, एजोन ईश्वरोर सोंधानोट, जलाचाबी और साहेबपुरर बोरोसुन शामिल हैं। वहीं युवा कहानीकार अभिजीत बोरा, गौतम दैमारी और कहानीकार मृणाल चंद्र कलिता व रत्नेश्वर नर्जारी को क्रमश: साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार और बाल साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है।
जहां बोरा व दैमारी को उनके लघु कहानी संग्रह देउका कोबाई जय व कविता संग्रह जीव ग्वानंग सोहो के लिए पुरस्कार के लिए चुना गया, वहीं कलिता और नर्जारी को उनके बच्चों की किताब बकुल फूल डोर व डिखुरा सोलोबाथा के लिए पुरस्कार दिया जा रहा है।