असम, गुवाहाटी : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा सहित कई सदस्यों को आज गुवाहाटी पुलिस ने होटल रेडिसन ब्लू के सामने विरोध प्रदर्शन करने के बाद हिरासत में ले लिया, जहां शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे अन्य बागी विधायकों के साथ ठहरे हुए थे। वे असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा पर राज्य की गंभीर बाढ़ की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे थे।
इनका कहना था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इसे रोका जाए। टीएमसी प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राज्य के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने के लिए राजनीति में व्यस्त हैं। बोरा ने कहा कि असम में 50 लाख से अधिक लोग बाढ़ से पीड़ित हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जनता की चिंता करने के बजाए एक दूसरे राज्य सरकार को गिरा कर अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हुए हैं। वही गुवाहाटी पुलिस ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ताओं को इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि वे बिना पूर्व अनुमति के विरोध कर रहे थे। टीएमसी के बाद एनएसयूआई की असम इकाई ने भी होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
संगठन के उपाध्यक्ष रक्तिम दत्त के नेतृत्व में होटल के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हाथों में बैनर पोस्टर लिए संगठन के कार्यकर्ताओं ने होटल के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने रस्सी बांधकर बैरिकेड बनाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। उसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर वहां से ले गई। इस दौरान दत्त ने भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री विधायकों की खड़ी खड़ी में लगे हुए हैं जबकि राज्य की जनता बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। मालूम हो कि विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने होटल के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां तक की असम पुलिस के एडीजीपी हरदीप सिंह भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए होटल पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की।