त्रिपुरा, अगरतला : त्रिपुरा विधानसभा के बजट सत्र का पांचवां दिन मुख्य विपक्षी दल सीपीआईएम की मौजूदगी के बिना शुरू हुआ, जिससे सप्ताह की शुरुआत में शुरू हुआ राजनीतिक टकराव और बढ़ गया। बुधवार को तनाव चरम पर पहुंच गया, जब विपक्षी दल ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन पर प्रक्रियागत कदाचार का आरोप लगाया। यह विवाद संसदीय कार्य मंत्री रतन लाल नाथ द्वारा विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी के खिलाफ कथित नस्लीय टिप्पणी से संबंधित एक खारिज किए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव से शुरू हुआ। जब अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव पर मंत्री के प्रस्ताव को प्राथमिकता देते हुए कई विशेषाधिकार प्रस्तावों पर विचार करने से इनकार कर दिया, तो सीपीआईएम सदस्यों ने विरोध किया और सदन से बाहर चले गए। चौधरी ने बाद में इस घटना को विधानसभा के विधायी इतिहास का सबसे काला अध्याय बताया। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सीपीआईएम से विधायी कार्यवाही में वापस लौटने की अपील करते हुए स्थिति को शांत करने का प्रयास किया है। हालांकि विपक्ष अपने बहिष्कार पर अड़ा हुआ है। 21 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 1 अप्रैल तक जारी रहेगा।
बाजाशेयरर रहा बंद
नई दिल्ली : इस्लाम धर्म लंबियों का पवित्र त्योहार ईद उल फितर के मौके पर आज नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)...
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