नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोरोना काल के दौरान हॉस्टल और मेस फीस वापस नहीं करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया कि कोरोना के दौरान ली गई हॉस्टल और मेस फीस को जल्द से जल्द वापस करें या फिर मौजूदा फीस में उसे समायोजित करें। यूजीसी ने कहा कि यदि कोई संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और राज्यों को पत्र लिखा। इसमें उल्लेख किया कि 27 मई 2020 और 17 दिसंबर 2020 को इस संबंध में पहले आयोग ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पत्र लिखा था। गौरतलब है कि छात्रों ने यूजीसी को शिकायत दी है कि उच्च शिक्षण संस्थानों ने कोरोना के दौरान हॉस्टल और मेस फीस ली, जबकि उस समय शिक्षण संस्थान बंद थे और वे घरों में थे। ऐसे में जब वे हॉस्टल में रुके नहीं और मेस में खाना ही नहीं खाया तो उनकी फीस वापस की जानी चाहिए। छात्रों ने अपनी शिकायत में कहा कि शिक्षण संस्थान उनकी फीस को वापस नहीं कर रहे हैं। इसके बाद यूजीसी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश जारी किया।
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