असम, गुवाहाटी : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम स्वाधीन (अल्फा-आई) ने धनजीत दास और संजीव शर्मा के लिए मौत की सजा सुनाई है। संगठन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बरपेटा जिले के धनजीत दास उर्फ रूपक असम ने 24 अप्रैल को कथित तौर पर सलमान के खेमे से भागने की कोशिश की थी।
उसे 25 अप्रैल को संगठन की एक यात्रा टीम ने पकड़ लिया था। धनजीत से पूछताछ की गई और उसने कबूल किया कि उसने कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को शिविर से भागने के लिए उकसाया था। उसने यह भी कबूल किया कि उसने असम पुलिस को अंदर की जानकारी का खुलासा किया था। दूसरी ओर बाईहाटा चारीअली के मुक्तापुर के संजीव शर्मा को म्यांमार में प्रतिबंधित संगठन ने हिरासत में लिया था, जिसे कथित तौर पर असम पुलिस का गुप्त एजेंट कहा जाता था।
उसने असम पुलिस के जासूस के रूप में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुआ था और उसने एक वीडियो बयान में इसे कबूल कर लिया है। संगठन ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि इन दो आरोपियों को संगठन में रहकर पुलिस के लिए काम करने के अपराध में मौत की सजा सुनाई गई है।