असम, गुवाहाटी: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज मिर्जा में शहद प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि कृषि की अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अनेक योजनाएं व कार्यक्रम लागू किए हैं।
इनके माध्यम से गांव-गरीब-किसानों को फायदा हो रहा है। तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र का विकास होने के साथ-साथ सहायक कामकाज विकसित होना जरूरी है, ताकि गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, रोजगार के अवसर सृजित हो व हमारे किसानों को अच्छी आमदनी हो सकें। इस स्वचलित शहद प्रसंस्करण इकाई की स्थापना राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन एवं शहद मिशन द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन बोर्ड के सहयोग से सॉल्ट रेंज फूड्स प्रा.लि. द्वारा की गई है। तोमर ने आगे कहा कि हमारे किसान सबसे बड़े उत्पादक है और सबसे बड़े उपभोक्ता भी, इसलिए देश के बाजार अच्छे से चलाने के लिए गांवों के लोगों की जेब में पैसा होना चाहिए, तभी कल-कारखानों के उत्पाद भी ज्यादा खरीदे-बेचे जाएंगे। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से देश में लगभग साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 1.62 लाख करोड़ रूपए जमा किए हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में गैप्स भरने की कोई सोचना नहीं था लेकिन मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान में एक लाख करोड रू. के एग्री इंफ्रा फंड की तो शुरूआत की ही, कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए अलग से 50 हजार करोड़ रू. से ज्यादा के पैकेज दिए हैं, जिनमें मधुमक्खी पालन के लिए भी 500 करोड़ रू. दिए गए हैं।
एग्री इंफ्रा फंड से 5 हजार करोड़ रू. की स्वीकृतियां भी दी जा चुकी है। यह आवश्यक इसलिए है कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी व उनका योगदान अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में हो सकेगा। उन्होंने पूर्वोत्तर के कृषि से जुड़े लोगों से इस फंड का अधिकाधिक लाभ लेने की अपील की। श्री तोमर ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है, जिनके पास बहुत कम भूमि है, साथ ही जिनके पास खेती की भूमि नहीं है व रोजगार की जरूरत है, जो मजदूर है तो इनके लिए मधुमक्खीपालन बेहतर कार्य है। तोमर ने बताया कि मधुमक्खीपालकों की सहायता के लिए आणंद (गुजरात) में अंतरराष्ट्रीय स्तर की लैब खोली गई है, साथ ही उन्हें भटकना नहीं पड़े, इसलिए एनबीएचएम के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा 13 सेटेलाइट टेस्टिंग लैब खोलने की मंजूरी दे दी गई है।
ऐसी कुल 100 लैब स्थापित की जाएगी। सरकार चाहती है कि मधुमक्खीपालकों को देश में अच्छा बाजार मिले व उनका निर्यात भी बढ़े। असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने राज्य में मधुमक्खी पालन की प्रगति बताते हुए कहा कि वैज्ञानिक मधुमक्खीपालन असम में किसानों की आय दोगुनी करने का एक आशाजनक क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि असम में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार काम कर रही है। केंद्रीय कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया। अपर आयुक्त (बागवानी) व राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन बोर्ड के कार्यकारी निदेशक डॉ. नवीन कुमार पटले ने स्वागत भाषण दिया। सॉल्ट रेंज फूड्स कंपनी के निदेशक श्री डी.एस. कोहली ने आभार माना। क्षेत्रीय विधायक हिमंगा ठाकुरिया व अन्य जनप्रतिनिधि तथा केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी एवं मधुमक्खीपालक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।