नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आज एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने और उनके लिए धन के प्रवाह को रोकने दो प्रमुख मुद्दे थे, जिसमें छह मुख्यमंत्रियों और चार अन्य राज्यों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक के दौरान माओवादियों के शीर्ष संगठनों के खिलाफ कार्रवाई, सुरक्षा में कमी को भरना, प्रवर्तन निदेशालय, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राज्य पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों में नवीन पटनायक (ओडिशा), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना), नीतीश कुमार (बिहार), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र) और हेमंत सोरेन (झारखंड) शामिल थे।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, आंध्र प्रदेश के वाई एस जगन मोहन रेड्डी और केरल के सीएम पिनाराई विजयन बैठक में शामिल नहीं हुए।
उनके राज्यों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करे, सुरक्षा की कमी को भरने, उग्रवादियों के धन के प्रवाह को रोकने और ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस की ठोस कार्रवाई पर बैठक में चर्चा हुई। बैठक में अन्य मुद्दों पर चर्चा और मामलों के अभियोजन, मुख्य माओवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई, राज्यों के बीच समन्वय, राज्य खुफिया शाखाओं और राज्यों के विशेष बलों की क्षमता का निर्माण, मजबूत पुलिस स्टेशनों के निर्माण पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति और माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियानों और नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की।
शाह ने राज्यों की आवश्यकताओं, उग्रवादियों से निपटने के लिए तैनात बलों की संख्या, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे सड़कों, पुलों, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसे विकास कार्यों का जायजा लिया। बैठक के दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उनके राज्य में माओवादी समस्या केवल तीन जिलों तक सिमट कर रह गई है और बैठक में चर्चा की गई कि इसे और कम करने के लिए क्या किया जाना चाहिए।