उत्तर प्रदेश, इटावा : आधुनिक विधि से की गई शिमला मिर्च की खेती ने किसान के लिए तरक्की की राह खोल दी। किसान ने 60 लाख रुपये का फायदा फरवरी तक होने की उम्मीद जताई है। शिमला मिर्च का पौधा करीब पांच बार फसल देता है। जिला उद्यान अधिकारी ने अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया है।जसवंतनगर क्षेत्र के ग्राम धौलपुर खेड़ा निवासी किसान विनोद प्रताप गौर ने बताया कि उन्होंने फिरोजाबाद में शिमला मिर्च की खेती देखी थी। इससे प्रेरित होकर 12 एकड़ खेत में शिमला मिर्च की खेती करने का निर्णय लिया। पहले नुकसान होने का डर भी लगा। पहली ही फसल करीब 350 क्विंटल मिली, जो करीब 40 रुपये किलो के भाव से बिकी। शिमला मिर्च का पौधा करीब पांच बार फसल देता है। इस हिसाब से फरवरी तक करीब 1800 क्विंटल शिमला मिर्च होगी। 40 रुपये किलो के भाव से भी बिकी तो करीब 72 लाख रुपये की फसल होगी। विनोद ने बताया कि मल्चिंग विधि में मेड़ बनाकर उस पर पॉलिथीन बिछा दी जाती है। पॉलिथीन पर निश्चित दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं। ड्रिप विधि से सिंचाई होती है। इससे पौधों की समान रूप से वृद्धि होती है। उनमें रोग भी नहीं लगता। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि किसान विनोद प्रताप गौर शिमला मिर्च की अगेती फसल करना चाहते थे। इसके लिए विभाग ने उन्हें जून में ही बीज उपलब्ध कराए। उनके पास मजदूर और पानी की सही व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में प्रधानमंत्री आधुनिक किसान योजना के तहत उन्हें मल्चिंग और ड्रिप लाइन बिछाने के लिए अनुदान दिलाया गया। शिमला मिर्च की तैयार फसल को देखने भी गए। जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को बताया कि आधुनिक खेती करने और नई फसल के लिए सरकार योजनाएं चला रही है। इसका फायदा उठाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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