उत्तराखंड, हरिद्वार : एसडीएम की अदालत ने बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत बेटे को अपने बुजुर्ग माता-पिता को गुजारे भत्ते के रूप में 20 हजार रुपये प्रति माह देने का आदेश सुनाया है। प्रत्येक माह बुजुर्ग दंपति को गुजारे भत्ते की रकम उपलब्ध कराने के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया गया है। ज्वालापुर आर्यनगर निवासी चंद्र प्रकाश शर्मा की ओर से एसडीएम पूरण सिंह राणा की अदालत में माता-पिता वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि उनकी उम्र 71 वर्ष है। अदालत में बताया था कि उनका पुत्र बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है। वह माता-पिता को भरण पोषण के लिए गुजारा भत्ता नहीं दे रहा है। जिससे वह पत्नी का इलाज भी सही ढंग से नहीं करा पा रहे हैं।एसडीएम ने मामले की सुनवाई करते हुए बुजुर्ग दंपति के बेटे शरद शर्मा को अदालत में तलब किया। एसडीएम ने उन्हें अपने कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में समझाया। इसके बाद बेटे ने बुजुर्ग माता-पिता को 20 हजार रुपये प्रति माह गुजारे भत्ते के रूप में देने पर सहमति जताई। अदालत की ओर से इस संबंध में आदेश जारी करते हुए थाना कनखल पुलिस को गुजारे भत्ते की धनराशि बुजुर्ग दंपति को प्रत्येक माह उपलब्ध कराने के आदेश दिए। आदेश में कहा गया है कि यदि शरद शर्मा रकम देने में आनाकानी करता है तो कोर्ट को अवगत कराया जाए। ताकि जरूरी कदम उठाया जा सके।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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