नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा दिवस की बधाई दी और कहा कि उच्च सदन ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। राज्यसभा के सभापति नायडू ने सदस्यों से लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए जानकारी परक एवं रचनात्मक बहस में हिस्सा लेने की अपील भी की।उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया राज्यसभा दिवस की बधाई! अपनी स्थापना के समय से ही राज्यसभा ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक संविधान सभा जिसकी पहली बैठक नौ दिसंबर 1946 को हुई थी, उसने 1950 तक केंद्रीय विधानमंडल की भी भूमिका अदा की थी, जब उसे अंतरिम संसद में तब्दील कर दिया गया था। 1952 में पहला संसदीय चुनाव होने तक केंद्रीय विधानमंडल एक सदन वाली संस्था थी। आखिरकार राज्यों की परिषद नाम से एक दूसरे सदन की स्थापना की गई, जिसकी संरचना और चुनाव की प्रक्रिया लोगों द्वारा सीधे चुने गए पहले सदन से अलग थी।
यह एक संघीय सदन था, जिसके सदस्य राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते थे। इसमें राज्यों को समान प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया था। निर्वाचित सदस्यों के अलावा राष्ट्रपति द्वारा सदन में 12 सदस्यों को मनोनीत करने का प्रावधान भी किया गया था। सदन के सभापति ने 23 अगस्त 1954 को इसका नाम राज्यसभा रखने की घोषणा की थी।