असम, गुवाहाटी: असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ से पार्टी के कई नेता इसके लिए पार्टी प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
विभिन्न मीडिया में भी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर नया अध्यक्ष को कुर्सी में बैठाने की मांग को लेकर खबरें देखने को मिल रही है। पार्टी के अंदर चल रही उथल-पुथल पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने उन लोगों पर जमकर कटाक्ष किया है, जो चुनाव में हार के लिए उन पर खुलेआम आरोप लगा रहे हैं। आज पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य बात है।
जब कोई पार्टी जीतती है तो हर कोई श्रेय लेना चाहता है, लेकिन जब उसे हार का सामना करना पड़ता है तो उसके लिए केवल एक ही को जिम्मेदार ठहराया जाता है। यह बिल्कुल गलत है। पैसे लेकर टिकट के बंटवारे के आरोप पर अपनी सफाई देते उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का चयन करना पार्टी का सामूहिक निर्णय होता है और यह काम कोई भी अकेला नहीं ले कर सकता।
उनके सात उम्मीदवारों को जब टिकट नहीं मिला तो वे किसी के नाम की सिफारिश करने से पीछे हट गए। एक अनुशासित सिपाही की तरह ही उन्होंने पार्टी के फैसले के साथ जाने का निर्णय लिया। पार्टी की पांच गारंटी क्यों जनता को भरोसा नहीं दिला पाई तो उन्होंने कहा कि हमने निचले असम और बराक घाटी में बेहतर प्रदर्शन किया। वहां हम जनता को भरोसा दिला पाए।
ऊपरी असम में हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।