नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में योग ही उम्मीद की किरण है। यह हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है।
उन्होंने कहा की कोरोना महामारी के कारण भले ही पिछले 2 वर्ष से बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है। मौजूदा समय में तू करोड़ों लोगों में योग के प्रति उत्साह पहले के मुकाबले और बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि जब कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब योग आत्मबल का बड़ा साधन बना।
लोगों में उम्मीद जगी कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं। उनकी कामना है कि हर देश का हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो। सब एकसाथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें। गौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है।
पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी।