नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक का 13वां दिन सबकी निगाहें असम की बेटी बॉक्सर लवलीना बरगोहाई पर थी। 69 किग्रा भार वर्ग में सेमीफाइनल में उनका मुकाबला तुर्की की बुसेनज सुरमेनेलीक से था। वह मुकाबले में हार गई और गोल्ड का सपना चकनाचूर हो गया। उसके हाथ कांस्य पदक ही लगा।
असम की 24 वर्षीय मुक्केबाज अपने पहले ओलंपिक में भाग ले कर अपने प्रतिद्वंदी के हाथों 5-0 से हार गई। वह शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के सामने सही ढंग से हावी नहीं रह पाई। इस पदक के साथ ही में भारत की तीसरी ऐसे खिलाड़ी बनी जिसने मुक्केबाजी के एकल खिताब में पदक हासिल की है। इससे पहले मुक्केबाज विजेंद्र सिंह (2008) एवं मेरी कॉम (2012) ने यह कारनामा कर दिखाया था।
ओलंपिक में पदक जीतने वाली महान एमसी मैरी कॉम के बाद दूसरी महिला मुक्केबाज बनीं। इससे पहले प्रतियोगिता में वेल्टरवेट मुक्केबाज ने चीनी ताइपे की निन-चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और भारत को टोक्यो ओलंपिक में अपनी श्रेणी से कम से कम कांस्य पदक दिलाने का आश्वासन दिया।
2020 में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली असम की पहली महिला मुक्केबाज बनीं। इसके अलावा भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जेवेलिन थ्रो के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उन्होंने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर दूर भाला फेंका।
वह अपने ग्रुप में पहले स्थान पर रहे। वही रेसलिंग में 57 किग्रा भार वर्ग में रवि कुमार दहिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने बुल्गारिया के जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से पटखनी दी।जबकि 86 किग्रा भारवर्ग में दीपक पूनिया ने चीन के जुशेन लिन को 6-3 से हराकर सेमीफाइनल में दस्तक दी l