सुधाकंठ को 14वीं पुण्यतिथि पर अर्पित की जा रही है श्रद्धांजलि
असम, गुवाहाटी : भारत रत्न सुधाकंठ डॉ. भूपेन हजारिका की 14वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने आज सुबह गुवाहाटी के जालकुबरी स्थित डॉ. भूपेन हजारिका समन्वय क्षेत्र में पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अपनी दिलकश आवाज से सबके दिलों को एक कर दिया। जैसे-जैसे असम मानुहे मानुहर बाबे.. से गूंज रहा है, हम मानवता और आशा की आवाज अपने भूपेन दा का सम्मान करते हैं। उनकी विरासत हमें ब्रह्मपुत्र के कवि की परिकल्पना के अनुसार एक करुणामय और आत्मनिर्भर असम के निर्माण के लिए प्रेरित करे। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने विश्वविख्यात कलाकार सुधाकंठ डॉ. भूपेन हजारिका ने संगीत की लहरों से विश्व बंधुत्व, मानवता और सद्भाव का संदेश जगाया है। गंगा की अविरल धारा की तरह, भूपेन हजारिका की कालजयी रचनाएँ सदैव जन-जन के हृदय में प्रवाहित होती रहेंगी। आज उनकी पुण्यतिथि पर भारत रत्न भूपेन हजारिकादेव को गहरे सम्मान के साथ स्मरण करते हैं। आइए हम सब भूपेन हजारिकादेव के दिखाए समरसता के मार्ग पर चलते हुए एक सुंदर समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हों। प्रसिद्ध गायक, गीत और संगीतकार भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को हुआ था। निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ। हजारिका असम के बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे। वे भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम जीवित सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया।
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