असम कांग्रेस ने लगाया समूहों के बीच संघर्ष भड़काने का आरोप
असम, गुवाहाटी :असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांग रहे छह समुदायों और राज्य के मौजूदा एसटी समूहों के बीच संघर्ष भड़काने का आरोप लगाया। उनकी यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा एसटी मान्यता की लंबे समय से लंबित मांग पर असम विधानसभा में मंत्रिसमूह (जीओएम) की रिपोर्ट पेश किए जाने के एक दिन बाद आई है।गोगोई ने कहा कि रिपोर्ट यह आश्वस्त करने में विफल रही कि अगर छह समुदायों—ताई आहोम, चुटिया, मोरन, मटक, कोच-राजबोंगशी और चाय जनजातियाँ (आदिवासी)—को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाता है, तो मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकार और विशेषाधिकार सुरक्षित रहेंगे। कांग्रेस नेता, जो लोकसभा में पार्टी के उपनेता भी हैं, ने दोहराया कि कांग्रेस ने हमेशा इन छह मूलनिवासी समूहों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का समर्थन किया है, लेकिन केवल इस तरह से कि इससे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकारों पर कोई असर न पड़े। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यकाल में, असम विधानसभा ने मौजूदा आरक्षण ढांचे से छेड़छाड़ किए बिना इन समूहों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित किया था। मुख्यमंत्री श्रेणीवार अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए रिपोर्ट पेश करते हुए यह दिखाने में असमर्थ रहे हैं कि मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकार बरकरार हैं।
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