असम, गुवाहाटी: लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता एवं कलियाबोर के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा फिलहाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नक्शेकदम पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव से मुख्यमंत्री ने राज्य की महिलाओं को सूक्ष्म वित्त ऋण की पूरी छूट देने का वादा किया था।
लेकिन चुनाव के बाद कहा कि कर्ज का एक वर्ग ही माफ किया जाएगा। यह धोखाधड़ी है।उन्होंने कहा कि महिलाओं को सूक्ष्म वित्त ऋण पूरी तरह से माफ नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करना चाहिए। आज यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मीडिया को अन्य दलों को तोड़ने के बजाय अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार अपने सिंडिकेट का विस्तार करने की कोशिश कर रही है, इसलिए वे एक मूक विपक्ष चाहते हैं। इसलिए वे विपक्षी दलों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ पत्रकारों और संगठनों की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया।
जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
उन्होंने आगे पूछा कि सरकार वन्यजीव संरक्षण नीति के बारे में बात क्यों नहीं कर रही है? केवल जनसंख्या नियंत्रण नीति ही क्यों? इससे पता चलता है कि वे योगी की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) रिपोर्ट को लेकर राज्य के लोगों को गुमराह किया है। मुख्यमंत्री ने पहले दावा किया था कि राज्य 2018 में एस्पिरेंट श्रेणी से 2020 में पर पर फॉर्मर श्रेणी में आ गया। जबकि सच्चाई यह है कि सभी राज्यों ने कुछ प्रगति की है। वास्तव में 2019 से 2020 तक राज्य की प्रगति बमुश्किल 2 अंक (55 से 57) की थी, जिससे यह सभी राज्यों में सबसे धीमी समग्र प्रगति हुई। इसके विपरीत किसी राज्य की उच्चतम वृद्धि 12 अंक थी, जो असम की विकास दर से बहुत दूर थी। इस हालिया सर्वेक्षण में राज्य की समग्र रैंक भी 23वें से गिरकर 26वें स्थान पर आ गई है।