नई दिल्ली : भारत के रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई काबू में करने के लिए रेपो दर अचानक बढ़ाने के बाद अगले महीने जून में झटका देने की तैयारी में है। जानकारों का कहना है, केंद्रीय बैंक जून में भी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) रेपो दर में 25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की बढ़ोतरी कर सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई से जुड़े संवेदनशील उत्पादों जैसे खाने के तेल की कीमतें पहले से ऊंची हैं, प्रमुख उत्पादक देशों ने आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
खाद की भी कीमतें ऊंची हैं। अन्य इनपुट लागत ज्यादा होने से खाद्य की कीमतों पर असर दिखा है। 12 खाद्य पदार्थों में 9 की कीमतें मार्च में बढ़ी हैं। ऐसे में इस महीने भी महंगाई ज्यादा रहने वाली है। आरबीआई ने अप्रैल की एमपीसी बैठक में कहा था, खुदरा महंगाई उसके ऊपरी दायरे से बाहर निकल गई है। ऐसे में अब ध्यान विकास दर की जगह महंगाई को काबू करने पर है। गौरतलब है कि कोरोना काल में दो बार में रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती हुई थी।
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए फरवरी, 2019 से रेपो दर में 2.5 फीसदी कटौती हुई थी। इसमें 27 मार्च, 2020 को 0.75 फीसदी और 22 मई, 2020 को 0.40 फीसदी की कटौती भी शामिल है। पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। अप्रैल-मई में 21 देशों ने दरों में इजाफा किया है। इनमें से 14 देशों ने आधा फीसदी की बढ़ोतरी की है। अमेरिका का केंद्रीय बैंक भी इसी हफ्ते ब्याज दरों में आधा फीसदी बढ़ोतरी कर रहा है।