हिमाचल प्रदेश, शिमला : प्रदेश में पिछले चार माह में दो आंतरिक सर्वेक्षण के नतीजों से सतर्क भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनावी राज्य के तीन मंत्री सहित एक तिहाई विधायकों के टिकट काटेगी। राज्य में विधायकों के खिलाफ गहरी नाराजगी को देखते हुए पार्टी ने फैसला किया है कि दो चुनाव हारने वाले नेताओं के नाम पर भी विचार नहीं किया जाएगा। दरअसल पार्टी ने चुनावी राज्यों हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के संदर्भ में अलग-अलग मंथन किया है।
इन सभी राज्यों के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार की है। पार्टी और संघ के स्तर पर इसी हफ्ते छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश पर गहन विमर्श हुआ है। हिमाचल के संदर्भ में पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीट वार दो बार आंतरिक सर्वेक्षण कराया गया है। इसमें एक तिहाई से अधिक विधायकों के खिलाफ क्षेत्र में गहरी नाराजगी है। इनमें तीन मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी नहीं चाहती कि राज्य में किसी कीमत पर धूमल बनाम शांता कुमार जंग की शुरुआत हो।
उत्तराखंड की तरह ही पार्टी इस राज्य में भी नया नेतृत्व उभारना चाहती है। जयराम इनमें से किसी गुट के नहीं हैं। इसके अलावा वह अपेक्षाकृत युवा हैं। यही कारण है कि राज्य में उनके नेतृत्व को मजबूत करने की रणनीति बनी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल इसी साल के अंत में खत्म हो रहा है।